Thursday, May 17, 2007

A Melodius World of Mohammad Rafi Fans



दीवाना मुझसा नहीं इस अंबर नीचे
मोहम्‍मद रफी के दीवाने
इस नश्‍वर दुनिया को अलविदा कहने के बर्षों बाद भी मोहम्‍मद रफी अपने लाखों - हजारों प्रेमियों के दिलों में जिंदा हैं और हमेशा जिंदा रहेंगे।
मोहम्‍मद रफी के प्रति उनके चाहने वालों की दीवानगी समय के साथ बढ्ती ही जा रहीहै। क्षणभंगुर लोकप्रियता और रोज-ब - रोज बदलती चाहतों एवं आस्‍थाओं के इस दौर में यह देखकर आश्‍चर्य होता है कि आज सैकडों-हजारों संगीत प्रेमियों की ऐसी दुनिया है भी जहां रोटी- कपडा और मकान के बाद जीवन की अगर कोई बुनियादी जरूरत है तो वह है मोहम्‍मद रफी की आवाज। आज अमर सिंह- अमिताभ बच्‍चन और अंबानी जैसे अमीरो- दलालों- पुंजीपतियों के हाथों बिक चुके टेलीविजन चैनलों एवं अखबारों में भले ही दिन रात अमिताभ बच्‍चन- एश्‍वर्य राय- अभिषेक बच्‍चन जैसे बिकाउु लोगों का गुणगान होता रहा है और इस बात के ढिढोरे पीटे जाते रहते हो कि अमिताभ बच्‍चन की लोकप्रियता शिखर पर है। लोग उनकी पूजा करते है। उन्‍हें भगवान मानते है- लेकिन शायद इन बिकाउ चैनलों एवं अखबारों को यह पता हो कि मोहम्‍मद रफी नाम के शख्‍य जो हमसे वर्षों पहले बिछुड गया उनके चाहने वालों की कतार लगी है और उनकेऐसे अनगिनत दीवाने हैं जिनकी दीवानगी देखकर शायद खुदा भी दांतों तले उंगली दबा लें।
यह ब्‍लॉग इन्‍हीं दीवानों की दीवानगी को समर्पित है।
मोहम्‍मद रफी कीसुरमयी और खनकती आवाज का जादू आज दिनों दिन सघन होता जा रहा हैा उनके चाहने वालों में ऐसे लोगों की संख्‍या हजारों में होगी जिनके लिये जीवन की पहली और आखिर शर्त शायद यही आवाज है। इतने दिनों में एक नहीं
सैकडों गायक आये और चले गये लेकिन एक ऐसी आवाज जो आज तक हमारे दिलों दिमाग पर कायम है और शायद हमेशा रहेगवह है- मोहम्‍मद रफी की आवाज ।
मोहम्‍मद रफी के दीवाने आपको कहीं भी मिल सकते हैं। चाहे दिल्‍ली के जी बी माथुर हो--- माले के युसुफ रशीद हो- केरल के अलफुजा के कुंडली सोफी हो---- अहमदपुरमहाराष्‍ट्र के सिद्धार्थ सूर्यवंशी हो-- बेंगलूर के पी नारायण हो- मुंबई के बीन्‍नू नायर या कपिल खैरनार हो-- उल्‍ल्‍हासनगर के प्रीतम मेघानी हो-- इन सब के जीवन की एक ही तमन्‍ना है मोहम्‍मद रफी जिसने उनके जीवन में आनंद और सुकुन बक्‍शा उसके लिये कुछ करना। सब अपने तरीके से इस काम में लगे है। लेकिन हम सब ने महसूस किया है हम अगर एकजुट होकर काम करें तो काफी कुछ किया जा सकता है।
दिल्‍ली में इस काम को अंजाम देने के लिये रफी स्‍मृति नामक संस्‍था की स्‍थापना को प्रयास किया जा रहा है। सिद्धार्थ सूर्यवंशी ने अहमदनगर में पदमश्री मोहम्‍मद रफी स्‍मृति की स्‍थापना की है। मुंबई में बीन्‍नू नायर ने मोहम्‍मद रफी म्‍यूजिक अकादमी बनायी है। इसी तरह पी नारायणन मोहम्‍मद रफी के चाहने वालों की डायरेक्‍ट्री बनाने में जुटे है। इस लेख के लेखक ने मोहम्‍मद रफी की जीवनी -- मेरी आवाज सुनों - लिखी है जो शीघ्र ही प्रकाशित होकर बाजार में आने वाली है।
दुनिया के अलग - अलग हिस्‍सों में और भी लोग अपने - अपने तरह से सक्रिय है।
दीवाना मुझसा नहीं इस अंबर नीचे
मोहम्‍मद रफी के दीवाने
इस नश्‍वर दुनिया को अलविदा कहने के बर्षों बाद भी मोहम्‍मद रफी अपने लाखों - हजारों प्रेमियों के दिलों में जिंदा हैं और हमेशा जिंदा रहेंगे।
मोहम्‍मद रफी के प्रति उनके चाहने वालों की दीवानगी समय के साथ बढ्ती ही जा रहीहै। क्षणभंगुर लोकप्रियता और रोज-ब - रोज बदलती चाहतों एवं आस्‍थाओं के इस दौर में यह देखकर आश्‍चर्य होता है कि आज सैकडों-हजारों संगीत प्रेमियों की ऐसी दुनिया है भी जहां रोटी- कपडा और मकान के बाद जीवन की अगर कोई बुनियादी जरूरत है तो वह है मोहम्‍मद रफी की आवाज। आज अमर सिंह- अमिताभ बच्‍चन और अंबानी जैसे अमीरो- दलालों- पुंजीपतियों के हाथों बिक चुके टेलीविजन चैनलों एवं अखबारों में भले ही दिन रात अमिताभ बच्‍चन- एश्‍वर्य राय- अभिषेक बच्‍चन जैसे बिकाउु लोगों का गुणगान होता रहा है और इस बात के ढिढोरे पीटे जाते रहते हो कि अमिताभ बच्‍चन की लोकप्रियता शिखर पर है। लोग उनकी पूजा करते है। उन्‍हें भगवान मानते है- लेकिन शायद इन बिकाउ चैनलों एवं अखबारों को यह पता हो कि मोहम्‍मद रफी नाम के शख्‍य जो हमसे वर्षों पहले बिछुड गया उनके चाहने वालों की कतार लगी है और उनकेऐसे अनगिनत दीवाने हैं जिनकी दीवानगी देखकर शायद खुदा भी दांतों तले उंगली दबा लें।
यह ब्‍लॉग इन्‍हीं दीवानों की दीवानगी को समर्पित है।
मोहम्‍मद रफी कीसुरमयी और खनकती आवाज का जादू आज दिनों दिन सघन होता जा रहा हैा उनके चाहने वालों में ऐसे लोगों की संख्‍या हजारों में होगी जिनके लिये जीवन की पहली और आखिर शर्त शायद यही आवाज है। इतने दिनों में एक नहीं
सैकडों गायक आये और चले गये लेकिन एक ऐसी आवाज जो आज तक हमारे दिलों दिमाग पर कायम है और शायद हमेशा रहेगवह है- मोहम्‍मद रफी की आवाज ।
मोहम्‍मद रफी के दीवाने आपको कहीं भी मिल सकते हैं। चाहे दिल्‍ली के जी बी माथुर हो--- माले के युसुफ रशीद हो- केरल के अलफुजा के कुंडली सोफी हो---- अहमदपुरमहाराष्‍ट्र के सिद्धार्थ सूर्यवंशी हो-- बेंगलूर के पी नारायण हो- मुंबई के बीन्‍नू नायर या कपिल खैरनार हो-- उल्‍ल्‍हासनगर के प्रीतम मेघानी हो-- इन सब के जीवन की एक ही तमन्‍ना है मोहम्‍मद रफी जिसने उनके जीवन में आनंद और सुकुन बक्‍शा उसके लिये कुछ करना। सब अपने तरीके से इस काम में लगे है। लेकिन हम सब ने महसूस किया है हम अगर एकजुट होकर काम करें तो काफी कुछ किया जा सकता है।
दिल्‍ली में इस काम को अंजाम देने के लिये रफी स्‍मृति नामक संस्‍था की स्‍थापना को प्रयास किया जा रहा है। सिद्धार्थ सूर्यवंशी ने अहमदनगर में पदमश्री मोहम्‍मद रफी स्‍मृति की स्‍थापना की है। मुंबई में बीन्‍नू नायर ने मोहम्‍मद रफी म्‍यूजिक अकादमी बनायी है। इसी तरह पी नारायणन मोहम्‍मद रफी के चाहने वालों की डायरेक्‍ट्री बनाने में जुटे है। इस लेख के लेखक ने मोहम्‍मद रफी की जीवनी -- मेरी आवाज सुनों - लिखी है जो शीघ्र ही प्रकाशित होकर बाजार में आने वाली है।
दुनिया के अलग - अलग हिस्‍सों में और भी लोग अपने - अपने तरह से सक्रिय है।

दीवाना मुझसा नहीं इस अंबर नीचे
मोहम्‍मद रफी के दीवाने
इस नश्‍वर दुनिया को अलविदा कहने के बर्षों बाद भी मोहम्‍मद रफी अपने लाखों - हजारों प्रेमियों के दिलों में जिंदा हैं और हमेशा जिंदा रहेंगे।
मोहम्‍मद रफी के प्रति उनके चाहने वालों की दीवानगी समय के साथ बढ्ती ही जा रहीहै। क्षणभंगुर लोकप्रियता और रोज-ब - रोज बदलती चाहतों एवं आस्‍थाओं के इस दौर में यह देखकर आश्‍चर्य होता है कि आज सैकडों-हजारों संगीत प्रेमियों की ऐसी दुनिया है भी जहां रोटी- कपडा और मकान के बाद जीवन की अगर कोई बुनियादी जरूरत है तो वह है मोहम्‍मद रफी की आवाज। आज अमर सिंह- अमिताभ बच्‍चन और अंबानी जैसे अमीरो- दलालों- पुंजीपतियों के हाथों बिक चुके टेलीविजन चैनलों एवं अखबारों में भले ही दिन रात अमिताभ बच्‍चन- एश्‍वर्य राय- अभिषेक बच्‍चन जैसे बिकाउु लोगों का गुणगान होता रहा है और इस बात के ढिढोरे पीटे जाते रहते हो कि अमिताभ बच्‍चन की लोकप्रियता शिखर पर है। लोग उनकी पूजा करते है। उन्‍हें भगवान मानते है- लेकिन शायद इन बिकाउ चैनलों एवं अखबारों को यह पता हो कि मोहम्‍मद रफी नाम के शख्‍य जो हमसे वर्षों पहले बिछुड गया उनके चाहने वालों की कतार लगी है और उनकेऐसे अनगिनत दीवाने हैं जिनकी दीवानगी देखकर शायद खुदा भी दांतों तले उंगली दबा लें।
यह ब्‍लॉग इन्‍हीं दीवानों की दीवानगी को समर्पित है।
मोहम्‍मद रफी कीसुरमयी और खनकती आवाज का जादू आज दिनों दिन सघन होता जा रहा हैा उनके चाहने वालों में ऐसे लोगों की संख्‍या हजारों में होगी जिनके लिये जीवन की पहली और आखिर शर्त शायद यही आवाज है। इतने दिनों में एक नहीं
सैकडों गायक आये और चले गये लेकिन एक ऐसी आवाज जो आज तक हमारे दिलों दिमाग पर कायम है और शायद हमेशा रहेगवह है- मोहम्‍मद रफी की आवाज ।
मोहम्‍मद रफी के दीवाने आपको कहीं भी मिल सकते हैं। चाहे दिल्‍ली के जी बी माथुर हो--- माले के युसुफ रशीद हो- केरल के अलफुजा के कुंडली सोफी हो---- अहमदपुरमहाराष्‍ट्र के सिद्धार्थ सूर्यवंशी हो-- बेंगलूर के पी नारायण हो- मुंबई के बीन्‍नू नायर या कपिल खैरनार हो-- उल्‍ल्‍हासनगर के प्रीतम मेघानी हो-- इन सब के जीवन की एक ही तमन्‍ना है मोहम्‍मद रफी जिसने उनके जीवन में आनंद और सुकुन बक्‍शा उसके लिये कुछ करना। सब अपने तरीके से इस काम में लगे है। लेकिन हम सब ने महसूस किया है हम अगर एकजुट होकर काम करें तो काफी कुछ किया जा सकता है।
दिल्‍ली में इस काम को अंजाम देने के लिये रफी स्‍मृति नामक संस्‍था की स्‍थापना को प्रयास किया जा रहा है। सिद्धार्थ सूर्यवंशी ने अहमदनगर में पदमश्री मोहम्‍मद रफी स्‍मृति की स्‍थापना की है। मुंबई में बीन्‍नू नायर ने मोहम्‍मद रफी म्‍यूजिक अकादमी बनायी है। इसी तरह पी नारायणन मोहम्‍मद रफी के चाहने वालों की डायरेक्‍ट्री बनाने में जुटे है। इस लेख के लेखक ने मोहम्‍मद रफी की जीवनी -- मेरी आवाज सुनों - लिखी है जो शीघ्र ही प्रकाशित होकर बाजार में आने वाली है।
दुनिया के अलग - अलग हिस्‍सों में और भी लोग अपने - अपने तरह से सक्रिय है।
दीवाना मुझसा नहीं इस अंबर नीचे
मोहम्‍मद रफी के दीवाने
इस नश्‍वर दुनिया को अलविदा कहने के बर्षों बाद भी मोहम्‍मद रफी अपने लाखों - हजारों प्रेमियों के दिलों में जिंदा हैं और हमेशा जिंदा रहेंगे।
मोहम्‍मद रफी के प्रति उनके चाहने वालों की दीवानगी समय के साथ बढ्ती ही जा रहीहै। क्षणभंगुर लोकप्रियता और रोज-ब - रोज बदलती चाहतों एवं आस्‍थाओं के इस दौर में यह देखकर आश्‍चर्य होता है कि आज सैकडों-हजारों संगीत प्रेमियों की ऐसी दुनिया है भी जहां रोटी- कपडा और मकान के बाद जीवन की अगर कोई बुनियादी जरूरत है तो वह है मोहम्‍मद रफी की आवाज। आज अमर सिंह- अमिताभ बच्‍चन और अंबानी जैसे अमीरो- दलालों- पुंजीपतियों के हाथों बिक चुके टेलीविजन चैनलों एवं अखबारों में भले ही दिन रात अमिताभ बच्‍चन- एश्‍वर्य राय- अभिषेक बच्‍चन जैसे बिकाउु लोगों का गुणगान होता रहा है और इस बात के ढिढोरे पीटे जाते रहते हो कि अमिताभ बच्‍चन की लोकप्रियता शिखर पर है। लोग उनकी पूजा करते है। उन्‍हें भगवान मानते है- लेकिन शायद इन बिकाउ चैनलों एवं अखबारों को यह पता हो कि मोहम्‍मद रफी नाम के शख्‍य जो हमसे वर्षों पहले बिछुड गया उनके चाहने वालों की कतार लगी है और उनकेऐसे अनगिनत दीवाने हैं जिनकी दीवानगी देखकर शायद खुदा भी दांतों तले उंगली दबा लें।
यह ब्‍लॉग इन्‍हीं दीवानों की दीवानगी को समर्पित है।
मोहम्‍मद रफी कीसुरमयी और खनकती आवाज का जादू आज दिनों दिन सघन होता जा रहा हैा उनके चाहने वालों में ऐसे लोगों की संख्‍या हजारों में होगी जिनके लिये जीवन की पहली और आखिर शर्त शायद यही आवाज है। इतने दिनों में एक नहीं
सैकडों गायक आये और चले गये लेकिन एक ऐसी आवाज जो आज तक हमारे दिलों दिमाग पर कायम है और शायद हमेशा रहेगवह है- मोहम्‍मद रफी की आवाज ।
मोहम्‍मद रफी के दीवाने आपको कहीं भी मिल सकते हैं। चाहे दिल्‍ली के जी बी माथुर हो--- माले के युसुफ रशीद हो- केरल के अलफुजा के कुंडली सोफी हो---- अहमदपुरमहाराष्‍ट्र के सिद्धार्थ सूर्यवंशी हो-- बेंगलूर के पी नारायण हो- मुंबई के बीन्‍नू नायर या कपिल खैरनार हो-- उल्‍ल्‍हासनगर के प्रीतम मेघानी हो-- इन सब के जीवन की एक ही तमन्‍ना है मोहम्‍मद रफी जिसने उनके जीवन में आनंद और सुकुन बक्‍शा उसके लिये कुछ करना। सब अपने तरीके से इस काम में लगे है। लेकिन हम सब ने महसूस किया है हम अगर एकजुट होकर काम करें तो काफी कुछ किया जा सकता है।
दिल्‍ली में इस काम को अंजाम देने के लिये रफी स्‍मृति नामक संस्‍था की स्‍थापना को प्रयास किया जा रहा है। सिद्धार्थ सूर्यवंशी ने अहमदनगर में पदमश्री मोहम्‍मद रफी स्‍मृति की स्‍थापना की है। मुंबई में बीन्‍नू नायर ने मोहम्‍मद रफी म्‍यूजिक अकादमी बनायी है। इसी तरह पी नारायणन मोहम्‍मद रफी के चाहने वालों की डायरेक्‍ट्री बनाने में जुटे है। इस लेख के लेखक ने मोहम्‍मद रफी की जीवनी -- मेरी आवाज सुनों - लिखी है जो शीघ्र ही प्रकाशित होकर बाजार में आने वाली है।
दुनिया के अलग - अलग हिस्‍सों में और भी लोग अपने - अपने तरह से सक्रिय है।

online directory of Rafi Fans

*TERE MERE SAPNE AB EK RANG HAIN*
* Online directory of all rafi fans *
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Wednesday, May 16, 2007

Online Directory of Rafi Fans

To add your name send your details to screenindia@gmail.com or sms on 09868793203
1.Mohammad Yusuf Awan
yusufawan786@yahoo.com
Gender: Male
Age: 25 Years
Location: Lahore, Pakistan
Profession: Telecom engineer
Contact Number: 0321-4775258, 0304-4005903

2.Name:- Hassan Iqbal
hassan_mbc1@yahoo.com
Age:-22
Location:- Dubai
Native:- Mumbai
Date of Birth:- 26-12-84
Status:- Married


“ONLY THOSE WHO RISK GOING TOO FAR CAN POSSIBLY FIND OUT HOW FAR ONE CAN GO”


3. Mr. P Narayan
A die hard fan of Mohammad Rafi
He is a business man in Banglore (India)
bangaloreconsultancy@hotmail.com
Mobile-09886779557

3. Mr. Binu Nayyar
He is working as musice/programme arranger in Mumbai
binus2000@hotmail.com
Mobile- 09833250701

Ph. 022-26313421/26464181 (Residence)

5. Mr. Ashish Kapoor
Working in Delhi
Mobile - 09312244005
Email -
ashkpr@hotmail.com

6. Mr. L Anand
Working as contractor for DDA in Delhi
Mobile-09213519261

7. Mr. Sumeet Nagpal
Working in a News Channel in Delhi
Mobile- 9811995000

8. Sunil Handa
sunilhanda@rediffmail.com
Add: 9312, LIG Flats, Vasant Kunj,

New Delhi-110066
: Res.011-26897482
Mobile: 9968300378/09811995000
He is working in Delhi

9. Mrs Tabassum Faridi
Address: Rehmani Tower, 6th Floor, Flat No. 604,

M. U. R. Road, Mumbai Central
Mumbai - 400008
Tel - 9820309689 (Mobile)

10. Dr. Yunus Sumra
Aderess: Madanpoora, Mumbai-400008
Tel - 9869520505 (Mobile)

11. Mohammad Solanki
Address : c/o Habib - N - Sons Indira Chock,

Post - Kantabanji (Orissa)
Pin - 767039
Ph. - 9437429804 (Mobile)

12.Ahmed KhanMastan
TalabNagpada
Ph - 9821420607

This process is already going on
To enroll in this list please send your details and photograps by email -
screenindia@gmail.com
My Mobile is - 09868793203 (India)

Tuesday, May 15, 2007

Mohammad Rafi Music Academy




Maestro M o h d. R a f i S a a b, singer par excellence, paragon of humility and piety, strode the musical landsof the century like a meteor - enchanting and haunting generations of music lovers across geographical borders. The melody and music Mohd Rafi created and pioneered during 36 long years of his career in Hindi music – has withstood the test of time.Rafi Saab's mellifluous vocals rises like a tide each day bringing along a 'whiff of fresh air', caressing the soul with songs for every mood and for every occasion - making music itself proud. No one can sing like Mohd Rafi is the common refrain coming from the hearts of music connoisseurs and Rafi fans alike. 'Rafians' – Mohd Rafi fans and admirers are found in large groups - in all parts of the world; his vocals transcending all human barriers and frontiers. Rafians based in Mumbai have now decided to form the Rafi Music Academy'; which will strive towards :Aims & Objectives
Aims & Objectives
1 Bringing lovers of Rafi saab's music on a common platform in every town and City Of the world.The fans would celebrate Rafi saab's birthday on Dec.24 and also pay homage on July 31st, Rafi saab's death anniversary.2. Approach the Government Machinery to honor Mohd Rafi Saab posthumously with nations highest civil award – the Bharat Ratna Award.3. To build a music library of Rafi saab's songs in Mumbai and circulate the maestro's works to all music lovers॥3. To bring out a newsletter once every month and circulate to music connoisseurs.4. To publish a directory of Rafi Saabs fans, citywise and countrywise. Fans are Requested to give their complete address details to Mr.Narayan of Bangalore, Cell no.+91- 98867795575. To bring out a pictorial biography on Mohd.Rafi the legend singer – the TANSEN and the incomparable BADSHAH of MUSIC and MELODY.6. To honour great musicians, lyricists and singers of the film industry.7. To nurture and guide talented singers of the land.8. To help musicians in dire need with medicines and supports….

For details contact
Mumbai - Binu Nair, binus2000@hotmail.comMobile-91-9833 250 701
A biography of Mohammad Rafi has been already completed and within few days it will be publish. To get copies please contact
Vinod Viplav in DelhiMobile-9868793203
Email- screenindia@gmail.com